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अब बजेगा बेंड

धर्मेंद्र एक गाँव का अनपढ़ लड़का जिसके सभी दोस्तों की शादी हो चुकी है और उसकी शादी नहीं हो पा रही है। इसीलिए वह बहुत परेशान है और आज राधा कृष्ण के मंदिर में आया है। धर्मेंद्र थोड़ा गुस्सा में भी है, वह द्वार के बाहर घंटी बजाता है और मंदिर में प्रवेश करता है, मंदिर और क्रोधित मुद्रा में खड़ी हुई राधा कृष्ण की मूर्ति की ओर देखता है,,,फिर अगले ही क्षण,,,अपने घुटनों पर झुक कर,,,कहता है

धर्मेन्द्र - " तमारे, म्हारी थोड़ी सी भी फिक्र चिंता है के नी है, तम बोलो तो तमारा माथे  कोई गाड़ी का नीचे आई के मरी जऊं, म्हारा सब दोस्ताना को ब्याव हुई गयो है और बच्चा बच्ची भी हुई गया और मैं अभी तक रडंवो के रडंवो ही फिरी रो हूं, तमारी तो 16108 पत्नी है, म्हारा तो एक का फजीता पड़ी रिया है, के जुगाड़ जमय दो यार, पैला भोलेनाथ का पास गया थो उन ने दो जगह बात चलई म्हारा रिश्ता की पर वा मधु तो कोई और की वधु बन गई और दूसरी काली कागली निकली आखी जिंदगी कांव-कांव करती ईका लिए मैंने उके रिजेक्ट कर दी"।"अगर तमारे जरा सी भी परवाह है तो आज ही कई ने कई चक्कर चलय दो, तुम इतनी सारी को संभाल सकते हो तो क्या मैं 2 या 4 को नहीं संभाल सकता, एक नही एक साथ दो को संभाल सकता हूं और और विश्वास नहीं है तो एक बार आजमा कर देख लो, ईक मैं तमारो भी फायदो है  देखो तमारे माखन घणो पसंद है ईका लिए तमारा लिए कटोरी में माखन लाया हूं और जिस दिन तमने, म्हारो काम कर दियो, उना दिन तमारा लिए आखों के आखो धामो भरी के माखन लऊंगा, अब घरे जउं, गोबर सोरनो है, दूध निकालनो है, बाय-बाय🙏🙏"।

धर्मेंद्र मंदिर से बाहर आता है और पैदल ही अपने घर के लिए निकलता है, सिंगल पट्टी रोड है जो इस वक्त सुना पड़ा है जिस पर धर्मेंद्र नाचता गुनगुनाता हुआ चल रहा है।

मैं कुंवारा कब तक बैठू बैंड मेरा बजवाओ। जिससे भी चलता है,चक्कर चलाओ। मेरी शादी करवाओ, मेरी शादी करवाओ मेरी शादी करवाओ, मेरी शादी करवाओ

तभी अचानक उसे अपने सामने स्कूटी पर सवार एक लड़की दिखती है, जिसे देखकर धर्मेंद्र खुश हो जाता है।  क्योंकि वह लड़की बहुत ही सुंदर है और उसने जींस टीशर्ट पहन रखी है, चश्मा भी लगा रखा है, धर्मेंद्र उसकी ओर तेजी से बढ़ता है, वह धर्मेंद्र को अपने सामने आते देख कहती है - "रास्ते से हट जाओ, रास्ते से हट जाओ"। पर धर्मेंद्र को कुछ भी सुनाई नहीं देता है और स्कूटी से टकरा जाता है और वहीं पर धर्मेंद्र बेहोश हो जाता है,

धर्मेंद्र को बेहोश देखकर, वह लड़की घबरा जाती है,वह धर्मेंद्र की कलाई चेक करती है फिर सीने पर हाथ रखकर दिल की धड़कन चेक करती है और कहती है।

लड़की -" हे भगवान"! "मेरे हाथों यह क्या हो गया, इसकी तो सांसे भी नहीं चल रही है, अगर इसे कुछ हो गया तो मुझे जेल जाना पड़ेगा"!

फिर वह लड़की अपने बैग से पानी की बोतल निकालती है और धर्मेंद्र के सिर को अपनी गोद में लेकर, उसके चेहरे पर पानी का छिड़काव करती है"।

तब धर्मेंद्र अपने मन में कहता है

धर्मेन्द्र -"भगवान श्री कृष्ण की जय हो, वाह भगवान श्रीकृष्ण आज मान गयो तमारे, आज तो मजा आ गया, अब तो जी करी रियो है, अपना पूरा जीवन ऐसे ही बेहोश हो रू, होश में तो टेंशन वही तनाव है, फजीता ही फजीता है"। धर्मेंद्र ने बेहोशी की हरकत करते हुए अपने मन में कहा।

लड़की -"हे,,,भगवान,,,इसे होश नहीं आ रहा,,,क्या करू"? लड़की ने चिंतनशील भाव से कहा।

धर्मेन्द्र - "तू कयी मत कर, म्हारे थारी गोद में एसेज पड़े रहने दे"। धर्मेंद्र ने अपने मन में कहा।

तभी वहां धर्मेंद्र का एक दोस्त राजू आ जाता है और ओर लड़की से पूछता है

राजू -" क्या हुआ,,,मेरे दोस्त धर्मेंद्र को?

लड़की - में उधर से आ रही थी, इसे नीचे गिरा देखा तो इसकी हेल्प करने के लिए रुक गई"।

राजू -"अरे, कयी नी होगो मैडम जी, इके"! "आप टेंशन मत लो, हमारा गांव को नंबर वन दारू कुटटो है, आज ज्यादा पीके अई गयो होगो, कुछ देर में ठीक हो जाएगा"।

धर्मेन्द्र -"जी का पास थारा जैसो कमीनो दोस्त हो, उ जिंदगी भर ठीक नी होयगो"! धर्मेंद्र ने अपने मन में कहा।

लड़की -"यह शराब पिया हुआ तो नहीं लग रहा है, इसके मुंह से शराब की बदबू भी नहीं आ रही है"। लड़की ने धर्मेंद्र के मुंह को थोड़ी दूर से सुघंते हुए कहा।

राजू - गांजो पियों होगा इनने, बहुत बड़ों का गाजांबाज है यो, दुनिया का सारा नशा करें, बीड़ी, सिगरेट, दारु, गुटखा, पाउच, अफीम, चरस,  ईका खून में समय गया है"। राजू ने कहा।

धर्मेन्द्र -"उ तो इसकी गोद में से उठवा को मन नी करी रियो है,  नी तो आज थारे ढोल की तरह बातों"!  धमेंद्र ने मन में कहां।

लड़की -"इसकी शक्ल देख कर तो नहीं लगता कि यह इतना बड़ा नशेड़ी है"! लड़की  ने कहा।

राजू - "तमारे कई पतो, तम तो नई अई हो,,गांव में, सारा गांव के पतो है, इका बारे में, बहुत बड़ो लड़कीबाज है यो, गांव की लड़कीया इका नाम से घबराई  है, जब तक दिन भर में 10,,,20 लड़कीना नी छेड़ें, इको दिन नी गुजरे, अपनी गोद में से इको माथो को हटाओ। राजू ने लड़की को भड़काते हुए कहा।

लड़की - "हम इसे,,,ऐसे हाल में नहीं छोड़ सकते, मुझे लगता है कि इसकी सांस रुक गई है, मैं,,,इसे अपने मुंह से सांस देती हूं।" लड़की ने धीरे धर्मेंद्र का सिर नीचे रखते हुए कहा।

धर्मेन्द्र - "अरे वाह भगवान,,,आज तो म्हारी चांदी चांदी हुयी गय, इका गुलाब के पंखुड़ी जैसा नरम होँठ, जब म्हारा होंठ से टकराएगा तो मजा ही आ जाएगा"। धर्मेंद्र ने अपने मन में कहा।

राजू - "अरे रुको"! "तम का इन गंदाना का मुंह में मुंह डालो, इका मुंह में,,,,में हवा भरूगां"। धर्मेंद्र के दोस्त ने कहा।

लड़की - "ठीक है,,,तुम करो"। लड़की ने कहा

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2 Comments

Babita patel

03-Jul-2024 08:35 AM

👍👍👍

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 04:39 PM

Nice part

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